वो बाते चंद लमहो कि
उस गाँव कि गलियॉ. शाम को बहुत रंगीन. थी.2.2.शादियॉ जो थी उस गांव मे
शाम को करीब 5.बजे थे.. मै भी बहुत हरा थका हुआ अपने घर को जा रहा था .कुछ दिनो से मै भी बहुत परेशान था. Life ko lekar. बस सोच रहा था.अपने.आप पे कि किसी किसी को भगवान छोटी उम्र में ईतनी जिमवदारियॉ कयो दे देते हैं.. तभी. ईक अवाज आती हैं.. मां आज कोई नहीं आया चप्पल सिलवाने.. मै मुड के देखा ईक मासुमियत की चादर ओढ़े 13.14. वर्ष का लडका आखो में आसु लिये खडा हैं. और बोलता जा रहा है मॉ आज. फिर सबजी नही बनेगा न. उसकी बाते और जिमदारिया मेरे खयालो कि समुनर बना दिया. और मुझे उस दिन उसी से परेरना मिला.. और ek positive energy le K ghar aaya.. उसकि हलात ने मेरी बेचैनियो को कम कर दिया
शाम को करीब 5.बजे थे.. मै भी बहुत हरा थका हुआ अपने घर को जा रहा था .कुछ दिनो से मै भी बहुत परेशान था. Life ko lekar. बस सोच रहा था.अपने.आप पे कि किसी किसी को भगवान छोटी उम्र में ईतनी जिमवदारियॉ कयो दे देते हैं.. तभी. ईक अवाज आती हैं.. मां आज कोई नहीं आया चप्पल सिलवाने.. मै मुड के देखा ईक मासुमियत की चादर ओढ़े 13.14. वर्ष का लडका आखो में आसु लिये खडा हैं. और बोलता जा रहा है मॉ आज. फिर सबजी नही बनेगा न. उसकी बाते और जिमदारिया मेरे खयालो कि समुनर बना दिया. और मुझे उस दिन उसी से परेरना मिला.. और ek positive energy le K ghar aaya.. उसकि हलात ने मेरी बेचैनियो को कम कर दिया
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